संघर्ष वाली ज़िन्दगी।
मेरे पापा का अंतिम संस्कार भी हो गया और मेरे चाचा ने मुझे डरा कर और पुलिस और जेल में डलवा देने की धमकी देकर मुझसे मेरा ट्रक भी छीन लिया, मैं आप से अपने बारे में क्या कहूँ दोस्तों, मुझे तो उस वक्त रोने के लिए आंखों में आंसू भी नसीब नही हो रहे थे, ये सोचकर के अब मैं क्या करूँगा, कैसे अपने घर का खर्च सम्हालूँगा, और एक बहन भी शादी के लिए बची हुई थी,यही सब सोचकर मेरा बुरा हाल था।
एक दिन अचानक मेरी वाइफ की तरफ से मुझे खबर मिली के मेरे बेटे की तबियत बहुत खराब है, मेरे बेटे की तबियत खराब होने का कारण उसकी गले मे जो टॉन्सिल थी उसका आकार धीरे धीरे बढ़ता जारहा था, और उस टॉन्सिल की वजह से मेरे बेटे के गले मे सुर सूरी सी होती थी ।इस के कारण उसे बहुत ज़ोरों की खासी शुरू हो जाती थी, और इसी खासी के कारण मेरा बेटा कुछ भी खाना खाता था वो खासी की वजह से उल्टी कर देता था, फिर वो कई कई दिन तक कुछ भी खा नही पाता था, और इसकी वजह से मेरा बेटा बहुत पतला और कमज़ोर सा हो गया था,
मैं रांची के एक डॉक्टर को मेरे बेटे को दिखाया तो उसने कहा के आपके बेटे का टॉन्सिल बहुत ज़्यादा बढ़ गया है, इसे अगर ठीक करना है तो इसका एक ही रास्ता है के आप इसका ओपरेशन करवा दिजीये।और कोई रास्ता नही है।लेकिन वो डॉक्टर ने ये भी मुझे कहा के अभी आपका बेटा बहुत कमजोर है और इसकी उम्र भी ऑपरेशन करने के लिए अभी रेडी नही है।इसलिए अभी आप दवा से ही इसे ठीक रखने की कोशिश किजये।लेकिन मैं क्या कहूँ आपसे दोस्तों।मैं और मेरी बीवी हम दोनों से अपने बेटे की परेशानी देखी नही जाती थी, हमलोग सारी सारी रात सोते नही थे, नही हम सोते थे और नही मेरा बेटा सोता था, मैं क्या बताऊँ आपसे के अंदर से कितना परेशान था मेरा बेटा, और अपनी छोटी सी उम्र में कितना मिश्किल दौर से गुज़र रहा था, बहुत फाइट कर रहा था अपनी ज़िंदगी से,और उसकी ये हालत देख हमलोग भी बहुत दुखी रहने लगे थे,
दोस्तों मेरे साथ एक परेशानी नही थी, और भी कई परेशानी थी जो अपना मुंह खोल कर मेरा इन तेज़ार कर रही थी, इधर मैं अपने बेटे में पूरी तरह से इसका इलाज कराने में परेशान था।और मैं रात दिन यही कोशिश करता था, और उससे दुआ भी करता था, जिसने ये बे सूरी और बे स्वाद दुनिया बनाई है, के मेरे बेटे की खासी कम से कम रुक जाए, और मेरे बेटे को थोड़ा आराम मिल सके।और मेरा बेटा थोड़ी देर नींद से सो जाएं।लेकिन उस दुनिया बनाने वाले ने मेरी एक नही सुनी।और नही कभी सुनेगा। ऐसा कैसे हो सकता है जो मेरे साथ हुआ aur होरहा है। अब आगे की कहानी पार्ट 27 में
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